जुर्म-ए-उल्फ़त पे हमें - Jurm-e-Ulfat Pe Hamein (Lata Mangeshkar, Taj Mahal)

Movie/Album: ताज महल (1963 )
Music By: रोशन
Lyrics By: साहिर लुधियानवी
Performed By: लता मंगेशकर

जुर्म-ए-उल्फ़त पे हमें लोग सज़ा देते हैं
कैसे नादान हैं, शोलों को हवा देते हैं
कैसे नादान हैं

हम से दीवाने कहीं तर्क-ए-वफ़ा करते हैं
जान जाए कि रहे, बात निभा देते हैं
जान जाए

आप दौलत के तराज़ू में दिलों को तोलें
हम मोहब्बत से मोहब्बत का सिला देते हैं
हम मोहब्बत से

तख़्त क्या चीज़ है और लाल-ओ-जवाहर क्या है
इश्क़ वाले तो ख़ुदाई भी लुटा देते हैं
इश्क़ वाले

हमने दिल दे भी दिया, एहद-ए-वफ़ा ले भी लिया
आप अब शौक़ से दे लें, जो सज़ा देते हैं
जुर्म-ए-उल्फ़त पे हमें लोग सज़ा देते हैं

Comments

Popular posts from this blog

दिल डिंग डॉञ्ग - Dil Ding Dong (Sunidhi Chauhan, K.K., Kuchh To Hai)

तेरे सिवा - Tere Siva (Renessa Das, Ash King, Coolie No. 1)

इरादे कर बुलंद - Iraade Kar Buland (Sukhwinder Singh, Vikram Montrose, Commando 3)