मैंने ये कब सोचा था - Maine Ye Kab Socha Tha (Anusha Mani, Shaan, Game)
Movie/Album: गेम (2011)
Music By: शंकर-एहसान-लॉय
Lyrics By: जावेद अख्तर
Performed By: अनुषा मनी, शान
मैंने ये कब सोचा था होगा यूँ कभी
राह में यूँ मिल जायेंगे दो अजनबी
हम दोनों जो पास आये तो
दिल जितना खुश है, उतना हैराँ
मैंने ये कब सोचा था होगा यूँ कभी
जाने कहाँ ले आई है ये ज़िन्दगी
क्या जानूं क्यों तुम जो मिले
दिल जितना खुश है उतना हैरान
ऊ आई ऐम फॉलिंग
आई ऐम फॉलिंग इन लव विथ यू
मैंने ये कब सोचा...
ख्वाबों का है ये जहां
नज़र की धूप है, चाँद-सा रूप है
तुम हो जहाँ, मैं वहाँ
दिल से जो दिल मिला
मुझे साहिल मिला
हम जो मिल गए तो फिर यूँ हुआ
के है निखरी हुई दूर तक ये फिज़ा
दिल जो खिल गए, तो फिर यूँ हुआ
के है महकी हुई गुनगुनाती हवा
यूहीं रहे काश अब ये समां
ऊ आई ऐम फॉलिंग
आई ऐम फॉलिंग इन लव विथ यू
Music By: शंकर-एहसान-लॉय
Lyrics By: जावेद अख्तर
Performed By: अनुषा मनी, शान
मैंने ये कब सोचा था होगा यूँ कभी
राह में यूँ मिल जायेंगे दो अजनबी
हम दोनों जो पास आये तो
दिल जितना खुश है, उतना हैराँ
मैंने ये कब सोचा था होगा यूँ कभी
जाने कहाँ ले आई है ये ज़िन्दगी
क्या जानूं क्यों तुम जो मिले
दिल जितना खुश है उतना हैरान
ऊ आई ऐम फॉलिंग
आई ऐम फॉलिंग इन लव विथ यू
मैंने ये कब सोचा...
ख्वाबों का है ये जहां
नज़र की धूप है, चाँद-सा रूप है
तुम हो जहाँ, मैं वहाँ
दिल से जो दिल मिला
मुझे साहिल मिला
हम जो मिल गए तो फिर यूँ हुआ
के है निखरी हुई दूर तक ये फिज़ा
दिल जो खिल गए, तो फिर यूँ हुआ
के है महकी हुई गुनगुनाती हवा
यूहीं रहे काश अब ये समां
ऊ आई ऐम फॉलिंग
आई ऐम फॉलिंग इन लव विथ यू
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