ना कह साक़ी - Na Keh Saaqi (Jagjit Singh, Visions Vol.1)
Movie/Album: विज़न्स वॉल् १ (1992)
Music By: जगजीत सिंह
Lyrics By: बेख़ुद देहलवी
Performed By: जगजीत सिंह
ना कह साक़ी, बहार आने के दिन हैं
जिगर के दाग़ छिल जाने के दिन हैं
अदा सीखो, अदा आने के दिन हैं
अभी तो दूर शरमाने के दिन हैं
गरेबाँ ढूँढ़ते हैं हाथ मेरे
चमन में फूल खिल जाने के दिन हैं
ना कह साकी...
तुम्हें राज़-ए-मोहब्बत क्या बताएँ
तुम्हारे खेलने-खाने के दिन हैं
घटाएँ ऊंदी-ऊंदी कह रही हैं
मय-ए-अंगूर खिंचवाने के दिन हैं
ना कह साकी...
Music By: जगजीत सिंह
Lyrics By: बेख़ुद देहलवी
Performed By: जगजीत सिंह
ना कह साक़ी, बहार आने के दिन हैं
जिगर के दाग़ छिल जाने के दिन हैं
अदा सीखो, अदा आने के दिन हैं
अभी तो दूर शरमाने के दिन हैं
गरेबाँ ढूँढ़ते हैं हाथ मेरे
चमन में फूल खिल जाने के दिन हैं
ना कह साकी...
तुम्हें राज़-ए-मोहब्बत क्या बताएँ
तुम्हारे खेलने-खाने के दिन हैं
घटाएँ ऊंदी-ऊंदी कह रही हैं
मय-ए-अंगूर खिंचवाने के दिन हैं
ना कह साकी...
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